खाली स्थान भरें क्विज 1

Please enter your email:

1. भाषा भेद किसी ना किसी रूप और मात्रा में सब समय रहता है. मध्य काल में जब क्षेत्रीय बोलियां अपने-अपने विकास पथ पर बड़ी तीव्र गति से अग्रसर हो रही थी, वैसा टकराव बिखराव न था. भाषायी विवाद और समस्या को जन्म देकर उकसाने-उभारने का सारा श्रेय ब्रिटिश शासन और उसके _(1)_ को है. यह विरासत हमें उन्हीं की _(2)_ के दुष्परिणाम स्वरूप मिलती है. इसेसे _(3)_ पाने के लिए सूझबूझ और _(4)_ की आवश्यकता है. परंतु कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता है और _(5)_ स्वार्थ के कारण दृष्टि-पथ _(6)_ पड़ जाता है तथा मनुष्य पथभ्रष्ट ही नहीं, लक्ष्य _(7)_ भी हो जाता है. परिणाम यह होता है कि जाती है _(8)_ स्वार्थ वालों की बन जाती है और उनकी _(9_ फलवती दिखाई देने लगती है. व्यक्तियों के निर्विकार चित्त में भी विकार घर बना लेता है जिसे दूर करने के लिए असीम धैर्य, समय तथा सक्रियता की अपेक्षा होती है. एक बार एकता-सूत्र के उलझ जाने पर अभिन्नता का बोध कराना कठिन तथा दुरूह बन जाता है.

Question : (1)

 
 
 
 

2. Question : 2

 
 
 
 

3. Question : 3

 
 
 
 

4. Question : 4

 
 
 
 

5. Question : 5

 
 
 
 

6. Question : 6

 
 
 
 

7. Question : 7

 
 
 
 

8. Question : 8

 
 
 
 

9. Question : 9

 
 
 
 

10. Question : 10