The following passage was asked in SSC JHT Paper-II Exam. Translate it and watch the attached video for solution:
आज का युग कड़ी प्रति-स्पर्धा का युग है. अतः किसी भी व्यावसायिक संस्था की प्रगति और लाभप्रदता कुछ कर्मचारियों के योगदान पर नहीं, बल्कि प्रत्येक कर्मचारी के योगदान पर निर्भर करती है. ग्राहक-सेवा भी इसका अपवाद नहीं है. हर कर्मचारी को यह समझना होगा कि संस्था की और उसकी प्रगति अच्छी ग्राहक सेवा पर ही निर्भर है. संस्था को भी नए विचारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें अपनाने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए. लीक से हट कर उठाए गए कदम व्यासायिक प्रतिष्ठान को भीड़ से अलग करते है, ग्राहकों को आकर्षित करते है और उन्हें संस्था से जोड़े रखने में सहायक होते है. अध्ययनों ने इस बात को सिद्ध किया है कि विश्व की नामी और सफलतम कंपनियों ने अपनी ग्राहक-सेवा में निरंतर सुधार के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है. उनके लिए ग्राहक-सेवा सिर्फ जुबानी जमा-खर्च नहीं बल्कि कंपनी के अस्तित्व का आधार रहा है. वस्तुतः ग्राहक-सेवा के प्रति ‘प्रतिबद्धता’ से कोई भी व्यापारिक संस्था प्रगति, सफलता और लाभप्रदता के अपने अंतिम लक्ष्य को पा सकती है. जरुरत सिर्फ इस बात को समझने और इस मंत्र को अपनाने की है.
